मानव बृहदान्त्र को असामान्य रूप से बढ़े हुए माना जाता है, अगर उसका व्यास १२ से.मी. से अधिक रहे अंधात्र में, (जब इस का सामान्य रूप से ९ से.मी. से कम होता है [2]); अगर उसका व्यास ६.५ से.मी. से अधिक रहे रेक्टोसिग्मॉइड [3] क्षेत्र में और अधिक से अधिक ८ से.मी. [3] आरोही बृहदांत्र के लिए.
2.
मानव बृहदान्त्र को असामान्य रूप से बढ़े हुए माना जाता है, अगर उसका व्यास १२ से.मी. से अधिक रहे अंधात्र में, (जब इस का सामान्य रूप से ९ से.मी. से कम होता है [2]); अगर उसका व्यास ६.५ से.मी. से अधिक रहे रेक्टोसिग्मॉइड [3] क्षेत्र में और अधिक से अधिक ८ से.मी. [3] आरोही बृहदांत्र के लिए.